Local se Global

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Author: Prakash Biyani

Availability: Out of stock

Pages: 503

Year: 2011

Binding: Paperback

ISBN: 9788126720767

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

लोकल से ग्लोबल

हां, हम तैयार हैं… – देश की अर्थव्यवस्था को लाइसेंसी राज की बेड़ियों से मुक्त कराकर आर्थिक स्वतंत्रता के वैश्विक रास्ते पर ले जाने वाले अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहते हैं – ‘दुनिया में लोग चीन की तरक्की से आशंकित होते हैं, लेकिन इसके विपरीत भारत की आर्थिक तरक्की को सकारात्मक नजरिये से देखते हैं…’ – ‘व्हार्टन स्कूल ऑफ द यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया के चार प्रोफेसरों के अध्ययन का निष्कर्ष है – वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन किया क्योंकि वहाँ के उद्योगपतियों के कामकाज का अपना तौर-तरीका है…’ – भारतीय अर्थव्यवस्था सन् 2020 में तीन ट्रिलियन डॉलर होगी… – कभी विदेशी उद्योगपति हमारी कंपनियाँ खरीदते थे, आज भारतीय ‘कॉरपोरेट-हाट’ के बड़े सौदागार हैं। यहाँ तक कि कभी भारत पर राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी के नए मालिक हैं – मंबई में जन्मे उद्योगपति संजीव मेहता… ऐसी सकारात्मक सच्चाइयों से प्रेरित इस पुस्तक ‘लोकल से ग्लोबल : इंडियन कॉरपोरेट्स’ में उदारीकरण के दूसरे दशक (2001-2010) में भारतीय उद्योग जगत की ‘लोकल से ग्लोबल’ बनने की सफल कोशिश दोहराई गई है। यह पुस्तक उन पचास भारतीयों की यशोगाथा है, जिन्होंने साबित किया है कि भारतीय ठान लें तो कुछ भी कर सकते हैं, वह भी दूसरों से बेहतर।

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Paperback

ISBN

Pages

Publishing Year

2011

Pulisher

Language

Hindi

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