- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
Description
मातलोक
मातलोक आधुनिक पंजाबी उपन्यास के नए प्रतिमान स्थापित करने वाली रचना है। अपने समय के राजनीतिक-सांस्कृतिक फैलाब को औपन्यासिक वृत्तांत में कैसे बाँधना है, यह वृत्तांतकारी विधाओं की मास्टरी तक ही सीमित नहीं है, पंजाबी समुदाय के आर्थिक और राजनीतिक-सांस्कृतिक तनावों को तलाशने और नई संभावनाओं को पहचानने में अधिक है। वह सांस्कृतिक चिंतन (ज्ञानात्मक) और सांस्कृतिक सृजन (वृत्तांतात्मक) दोनों के माहिर हैं। उपन्यास में समकालीन ग्रामीण पंजाब की संस्कृति, इतिहास और भूगोल का विश्वकोषीय ज्ञान भरा पड़ा है। पर यह ज्ञान वृत्तांतकारी के समांतर नहीं चलता, जैसा कि ‘हीर-वारिस’ में चलता है, देह और आत्मा को स्पर्श करनेवाली वृत्तांतकारी में रूपांतरित हो जाता है। वह ज्ञानात्मक साहित्य के अंतर और महत्त्व को समझते हैं। यद्यपि वृत्तांतकारी का इतिहास कामना का ही इतिहास है, पर वृत्तांतकारी को कामना की सियासत के तौर पर सृजित करना जसविंदर सिंह के उपन्यास मातलोक की बड़ी प्राप्ति है।
Additional information
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.