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Description
महानदी
महानदी के इस दीर्घ यात्रापथ में कहीं पर्वतमण्डित पठारभूमि है, तो कहीं निविड़ अरण्य है, कहीं जनपद है, तो कहीं जन-शून्यता । इसके उत्स अंचल में पाषाण युग के अवशेष पाये गये हैं, इस पर प्राचीन गीतकथा भी है। महानदी के जल की जंगमता से आकर्षित होकर किसानों, बुनकरों, विभिन्न कारीगरों ने इसके तट पर अपना बसेरा बसाया है। नदी पर बाँध बनने के यज्ञ में सैकड़ों गाँव डूब गये, उजाड़े गये भूमिपुत्र विस्थापित होकर आँखों में आँसू लिये नये आश्रय की तलाश में निकल पड़े थे। महानदी उपन्यास एक चलनशील जंगम सत्ता की गाथा है, मनुष्य के जीवित रहने का संकट एवं उल्लास जहाँ नदी के चलन को घेरकर ही आवर्तित होता रहता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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