Mahapurushon Ke Anmol Vachan

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Mahapurushon Ke Anmol Vachan

Mahapurushon Ke Anmol Vachan

80.00 79.00

In stock

80.00 79.00

Author: Nandlal Dashora

Availability: 3 in stock

Pages: 259

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

महापुरुषों के अनमोल वचन
भूमिका

‘महापुरुषों के अनमोल वचन’ का प्रथम संस्करण अक्टूबर ‘८५ में प्रकाशित हुआ था जिसे पाठकों ने अत्यधिक पसन्द किया। इसी कारण डेढ़ वर्ष बाद ही इसके दूसरे संस्करण के प्रकाशन की आवश्यकता अनुभव हुई जो हर्ष का विषय है। इसी नवीन संस्करण में सम्प्रदाय, सन्त, भाग्य, त्याग, दान तथा अहिंसा जैसे नये विषयों का समावेश किया गया है तथा सूक्तियों की संख्या १०७८ से बढ़ाकर १२७६ कर दी गई है जिससे पृष्ठ संख्या में भी वृद्धि हुई है। तब से लगातार इसका प्रसार बढ़ता रहा और अब इसी पुस्तक का कम्प्यूटरीकृत संस्करण आपके हाथ में है।

मानव जीवन एक-आयामी नहीं बल्कि बहु-आयामी है। हर व्यक्ति की रुचि भिन्‍न है तो अभिव्यक्ति भी भिन्‍न है। यह सृष्टि अखण्ड है। उसका सारा सौन्दर्य उसकी समग्रता में है। खण्ड-खण्ड में विभक्त करने से उसकी समग्रता का ज्ञान नहीं हो पाता। जीवन भी समग्रता में ही है। इसे सुख-दुःख, हानि-लाभ, जय-पराजय, कर्म-विकर्म, ज्ञान-विज्ञान, त्याग-भोग, विज्ञान-अध्यात्म, शिक्षा-राजनीति, भाग्य-पुरुषार्थ आदि में विभक्त नहीं किया जा सकता।

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

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