Mahavir Prasad Dwivedi Rachna Sanchayan

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Mahavir Prasad Dwivedi Rachna Sanchayan

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250.00 249.00

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Author: Bharat Yayawar

Availability: 5 in stock

Pages: 558

Year: 2014

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126020591

Language: Hindi

Publisher: Sahitya Academy

Description

महावीर प्रसाद द्विवेदी रचना संचयन

महावीरप्रसाद द्विवेदी हिन्दी के पहले लेखक थे, जिन्होंने अपनी जातीय परंपरा का गहन अध्ययन सिर्फ़ नहीं किया था, उसे आलोचकीय दृष्टि से भी देखा था। उन्होंने वेदों से लेकर पंडितराज जगन्नाथ तक के संस्कृत-साहित्य की निरंतर प्रवहमान धारा का अवगाहन किया था एवं उपयोगिता तथा कलात्मक योगदान के प्रति एक वैज्ञानिक नज़रिया अपनाया था। उन्होंने श्रीहर्ष के संस्कृत महाकाव्य नैधीय चरितम् पर अपनी पहली आलोचना पुस्तक नैषधचरित चर्चा नाम से लिखी (1899), जो संस्कृत-साहित्य पर हिन्दी में पहली आलोचना-पुस्तक भी है। फिर उन्होंने लगातार संस्कृत-साहित्य का अन्वेषण, विवेचन और मूल्यांकन किया। उन्होंने संस्कृत के कुछ महाकाव्यों के हिन्दी में औपन्यासिक रूपांतर भी किया, जिनमें कालिदास कृत रघुवंश, कुमार संभव, मेघदूत, किरातार्जुनीय प्रमुख हैं।

संस्कृत, ब्रजभाषा और खड़ी बोली में स्फुट काव्य-रचना से साहित्य-साधना का आरंभ करने वाले महावीर प्रसाद द्विवेदी ने संस्कृत और अंग्रज़ी से क्रमश: ब्रजभाषा और हिन्दी में अनुवाद-कार्य के अलावा प्रभूत समालोचनात्मक लेखन किया। उनकी मौलिक पुस्तकों में नाट्यशास्त्र (1904 ई.), विक्रमांकदेव चरितचर्या (1907 ई.), हिन्दी भाषा की उत्पत्ति (1907 ई.) और संपत्तिशास्त्र (1907 ई.) प्रमुख हैं तथा अनूदित पुस्तकों में शिक्षा (हर्बर्ट स्पेंसर के एजुकेशन का अनुवाद, 1906 ई.) और स्वाधीनता (जान ,स्टुअर्ट मिल के ऑन लिबर्टी का अनुवाद, 1907 ई.)।

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2014

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