Mahila Sashaktikaran : Dasha Aur Disha
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Description
महिला सशक्तीकरण दशा और दिशा
महिलाओं की संख्या विश्व की जनसंख्या से लगभग आधी है। उनके उन्नयन के बिना परिवार, समाज व राष्ट्र की प्रगति सम्भव नहीं है। आज वे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योग्यताओं एवं क्षमताओं को उजागर कर रही हैं, जागरूकता एवं आत्मनिर्भरता की ओर उन्मुख हैं। पहले की अपेक्षा उनकी स्थिति में सुधार हुआ है, अधिकारों एवं सुरक्षा में बढ़ोतरी भी हुई है। अब भी वे मंज़िल से दूर हैं, उन्हें यह सब कुछ प्राप्त नहीं हो सका है जो उनका अभीष्ट है। उनके विरुद्ध होनेवाले अपराधों में विगत की तुलना में वृद्धि हुई है। यद्यपि नए और कठोर क़ानून भी बने हैं लेकिन प्रभावी क्रियान्वयन तथा सामाजिक चेतना के अभाव में सशक्तीकरण कर लक्ष्य पूर्ण नहीं हो सका है।
महिलाओं की उपेक्षा करने की प्रवृत्ति को त्यागकर कुकृत्यों के विरुद्ध आवाज़ उठानी होगी तथा विधिक कार्यवाही के प्रति तत्पर होना होगा। तभी उन्हें प्रताड़ना, अत्याचार एवं शोषण से मुक्ति सम्भव होगी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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