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Description
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मैं कहूँ जगबीती
जब हम जग की बात करते हैं तो जग मे ही सम्मिलित होते हैं। उसमे हर कोई समाहित रहता है। इस संग्रह मे मेरे सामाजिक, राजनीति, भाषा और अन्य प्रश्नों से जुड़े काफी लेख हैं जो विभिन्न समाचार पत्रों मे समय-समय पर छापते रहे हैं। इस पुस्तक मे उन सब सवालों को अभिव्यक्ति देने की कोशिश की है जिससे शब्दों के माध्यम से हमारी संवेदना का हिस्सा बन जाए।
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Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2017 |
Pulisher |
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