- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
मौज में रहें
मौज में रहें साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत मोजमां रे ‘ वुं रे ! (गुजराती) का हिंदी अनुवाद है। वर्ष 2019 में पुरस्कृत कृति 28 हास्य-व्यंग्य निबंधों का संग्रह है, जिनमें सूक्ष्म हास्य के साथ व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों का वर्णन है, जो हमारे जीवन में दिन-प्रतिदिन घटते रहते हैं। हँसाने की हर कोशिश करना, जीवन की विचित्रता या अतिशयता को सूक्ष्म तरीके से प्रस्तुत कर पाठक को मंद-मंद मुस्काते-मुस्काते अपने और दुनिया को नई रीति से देखने के लिए प्रेरित करना, इन दोनों में बड़ा अंतर है। इससे भी सूक्ष्म प्रकार का, कटाक्षयुक्त हास्य का सर्जन काफी कठिन है। इस प्रकार के हास्य में लेखक की जीवनदृष्टि का भी परिचय मिलता है। लेखक का कथन सुस्पष्ट है तथा उसमें अभिव्यक्ति की तीक्ष्णता है। सच्चा हास्य लेखक स्मित फिलॉस्फर होता है। वह जीवन के ऐसे रंग प्रस्तुत करता है जिस ओर हमारा ध्यान ही नहीं होता है। इंसान की कमियों को अपनी सूक्ष्म दृष्टि से पहचानकर हास्य लेखक ही प्रस्तुत कर सकता है। उम्मीद है कि यह पुस्तक पाठकों को गुदगुदाएगी एवं उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरेगी।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Publishing Year | 2023 |
Pages | |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.