Mayapot

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Author: Swadesh Deepak

Availability: 5 in stock

Pages: 296

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789357758802

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

मायापोत

मैं हँसता हूँ, राधा हँसती है। वह समझती है, रवि मज़ाक़ कर रहा है, मुझे पता है वह सच बोल रहा है। पैसे वह हमेशा से फूँकता है, हमेशा हाथ ख़ाली रहता है, हमेशा किसी-न-किसी बहाने माँ पैसे ‘माँगे’ जाते हैं। राधा फिर आने के लिए कहकर चली जाती है। रवि मुझे बताता है, उसकी प्रमोशन हो गयी है, पिछले हफ़्ते ही वह स्क्वाड्रन लीडर बना है। मैं पूछता हूँ कि जल्दी प्रमोशन कैसे हो गयी ? वह तो अगले साल उम्मीद कर रहा था। वह हँसकर बताता है कि लैंडिंग करते हुए उसने एक और जहाज़ तोड़ा है, बस, प्रमोशन हो गयी। याद नहीं, पिछली लड़ाई में उसने जहाज़ तोड़ा था तो ‘वीरचक्र’ मिला था। रवि की शुरू से यह आदत रही है कि अपने बारे में बहुत कम बताता है। यह मुझे पता है कि वायुसेना में उसका बहुत नाम है, वह मास्टर ग्रीन पायलेट है। पिछली लड़ाई में उसने शत्रु के चार सेबर विमानों पर अकेले आक्रमण कर दिया था। उनकी फ़ॉर्मेशन, ब्यूह रचना तोड़ डाली थी, एक जहाज़ मार गिराया था। उसके अपने जहाज़ में लगभग पचास सूराख़ हो गये थे। एक विंग भी आधा टूट गया था, लेकिन फिर भी वह इस टूटे हुए विमान को अपने अड्डे पर वापिस लाने और नीचे उतारने में सफल हो गया था। रूस के तकनीकी कर्मचारी उन दिनों यहीं थे। मिग भी रूस का ही था। टूटे जहाज़ को देखकर उन्होंने कहा था कि इसे नीचे उतारना असम्भव है, मिरेकल है। मैं जानता हूँ, उसकी जल्दी प्रमोशन भी किसी विशेष घटना पर हुई होगी, जहाज़ तोड़ने की बात कहकर टालना चाहता है, अपने बारे में कुछ बखान नहीं करना चाहता।

– इसी पुस्तक से

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Paperback

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Hindi

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Publishing Year

2024

Pulisher

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