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Description
मेघों के देस में
‘मेघों का आलय’ मेघालय पूर्वोत्तर भारत का प्राकृतिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध एक बेहद ही खूबसूरत और नयनाभिराम प्रांत है जहाँ मेघ हर कदम पर आपके पाँव चूमते हैं। पूर्वोत्तर भारत का यह क्षेत्र अनेक ज्ञात, अज्ञात या अल्पज्ञात जनजातियों, यथा-खासी, जय॑तिया और गारो का निवास स्थान भी है जो अपने विशिष्ट रहन-सहन, वेश-भूषा, खान-पान, रंग-रूप के साथ ही भाषा, जीवन-शैली, पहचान और धार्मिक विश्वासों के कारण अलग से लक्षित की जातीं या पहचानी जाती हैं। यहाँ की लोक संस्कृति और लोक जीवन भी अभिनव और नितांत मौलिक है। इसी तरह, यहाँ का इतिहास, भूगोल और जलवायु भी विशिष्टता लिये हुए है। इस यात्रा-वृत्तांत में लेखक ने जहाँ प्रांत की समृद्ध सांस्कृतिक और भाषायी विविधता को उकेरा है वहीं क्षेत्र जीवंत और इंद्रधनुषी जीवन-शैली को भी रेखांकित किया है। साथ ही, प्रांत के लोगों की जटिल और विषम जीवन-शैली एवं उनकी समस्याओं की भी तहकीकात की है। मेघालय में प्रचलित कुछ रोचक एवं प्रेरणाप्रद लोककथाओं की प्रस्तुति से पुस्तक की पठनीयता कुछ और बढ़ जाती है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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