Mithila Lokchitra
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मिथिला लोकचित्र
लोक चित्रों की आधुनिक मधुबनी शैली का विकास 17वीं शताब्दी के आस-पास माना जाता है। पारंपरिक पेंटिग में पौधों की पत्तियों, फलों तथा फूलों से रंग निकालकर कपड़े या कागज के कैनवस पर भरा जाता है। मधुबनी पेंटिंग शैली की विशेषता इसके निर्माण में महिला कलाकारों की मुख्य भूमिका है। इन लोक कलाकारों के द्वारा तैयार किया हुआ कोहबर, शिव-पार्वती विवाह, राम-जानकी स्वयंवर, कृष्ण लीला जैसे विषयों पर पेंटिंग में मिथिला संस्कृति की पहचान छिपी है।
मधुबनी पेंटिंग में ज्ञान, दर्शन तथा वैज्ञानिक एवं धार्मिक तथ्यों पर आधारित लोक संस्कृति को मुखरित करने की अद्भुत क्षमता है। यह पुस्तक मिथिला लोकचित्रों को बनाने, उसके दर्शन, विशेषताओं का प्रामाणिक दस्तावेज है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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