Morche Par Vidageet

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Morche Par Vidageet

Morche Par Vidageet

199.00 149.00

In stock

199.00 149.00

Author: Vihag Vaibhav

Availability: 5 in stock

Pages: 160

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788119159741

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

मोर्चे पर विदागीत

सवर्ण-सत्ता अगर एक दुर्ग है, जो है ही, तो विहाग की ये कविताएँ ठीक उसके सामने खड़े होकर उसके ऊपर किया गया आक्रमण हैं।

विहाग अपनी इन कविताओं में दलित-दमन के पीड़ाजनक बिम्बों को उन तमाम कटघरों से निकाल लाए हैं जहाँ उत्पीड़न और दमन को मात्र भोथरी सहानुभूति के छींटों से ठंडा कर सहनीय बना दिया जाता रहा है। उनकी कविताएँ जाति की व्यवस्था से उपजे अब तक के दुख को एक गतिशीलता देना चाहती हैं, वे चाहती हैं वह कहीं पहुँचे, कि यदि जरूरी है तो युद्ध हो, लेकिन उसे केवल अकादमिक विमर्श बनाकर लाभदायक लेकिन दिशाहीन वस्तु में न बदल दिया जाए।

विहाग का कवि अपने शत्रु को पहचानता है, उसकी ताकत और कमजोरियों को भी जानता है, ताकत के किन-किन रूपों में उसके अवतार सम्भव हैं; यह भी समझ उन्हें है। इसलिए वे धर्म के ठेकेदारों को भी उसी तुर्शी के साथ रेखांकित करते हैं, जाति के शक्तिशालियों को भी, और बहुमत के शिखरस्थों को भी।

ये कविताएँ सिर्फ अपने स्पष्ट इरादों के लिए ही नहीं, पीड़ा की अभिव्यक्त‍ि के लिए अपनी भाषि‍क सामर्थ्य के लिहाज से भी मुख्यधारा से अलग दिखाई पड़ती हैं। अपने आक्रोश को सुचिंतित और विस्फोटक बिम्बों में हथियार की तरह गढ़ देना—यह एक दुर्लभ क्षमता है जो इस संग्रह की लगभग हर कविता में दिखाई पड़ती है। और यह चीज इन्हें कविता से ज़्यादा एक आह्वान में बदल देती है। सवर्ण की सर्वव्यापी, अति-दृश्यमान और आक्रामक मौजूदगी के प्रति वे हर क्षण सचेत हैं और इतिहास के दूरस्थ बिन्दुओं से वर्तमान तक फैली उसकी परम्परा से भिज्ञ भी। उनकी कविताएँ मिथकों के लौह-कोष में सुरक्षित बैठे उन देवताओं तक को अपनी युद्धभूमि में घसीट लाती हैं जिन तक कोई तीर, कोई पत्थर नहीं पहुँचता, और जिन्हें पवित्रता के भय-प्रसारक मैकेनिज़म द्वारा  हर आलोचना से बाहर कर दिया जाता रहा है। देश में कोरोना-काल के नाम से जाने गए समय को लेकर इस संग्रह में पाँच कविताएँ हैं, और यह कहना गलत नहीं होगा कि ये कोरोना की शारीरिक-सामाजिक और नैतिक आपदा को लेकर लिखी गईं सबसे अच्छी कविताओं में से हैं।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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