Mrignayani

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Author: Vrindavan Lal Verma

Availability: 10 in stock

Pages: 320

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9789351867975

Language: Hindi

Publisher: Prabhat Prakashan

Description

मानसिंह ने नाहर का बारीकी के साथ निरीक्षण किया। नाहर ने केवल एक तीर खाया था। राजा ने पूछा नाहर की गरदन पर किसका तीर बैठा ?’

निन्नी ने सिर झुका लिया। लाखी ने तुरंत सामने होकर उत्तर दिया, ‘निन्नीमृगनयनी का।

राजा ने दूसरा प्रश्न किया, ‘अरने के माथे पर बरछी किसकी खोंसी हुई है ?’

लाखी बोली, ‘मृगनयनी की।

वाह ! धन्य हो !! तुम दोनों धन्य हो !!!मानसिंह के मुँह से निकला और उसने अपने गले से सोने का रत्नजडि़त हार निकालकर निन्नी के गले में डाल दिया।

इसी उपन्यास से

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Hardbound

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Publishing Year

2018

Pulisher

Language

Hindi

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