Muktibodh Ki Kavitayen

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Muktibodh Ki Kavitayen

Muktibodh Ki Kavitayen

200.00 199.00

In stock

200.00 199.00

Author: Trilochan Shastri

Availability: 5 in stock

Pages: 191

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9788126006748

Language: Hindi

Publisher: Sahitya Academy

Description

मुक्तिबोध की कविताएँ

गजानन माधव मुक्तिबोध (1917-1964) आधुनिक हिंदी कविता के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कवियों में से एक हैं। उनका जन्म श्योपुर, ग्वालियर (म.प्र) में हुआ। उनके पिता पुलिस सेवा में थे इसलिए विभिन्‍न शहरों में उनकी बदली के कारण मुक्तिबोध की पढ़ाई-लिखाई भी कई स्थानों पर हुई। घर की भाषा मराठी थी और शिक्षा की हिंदी। माँ साहित्यिक रुचि की थीं और हिंदी पुस्तकें पढ़ती रहती थीं। बालक मुक्तिबोध पर इन सारी बातों का गहरा प्रभाव पड़ा और कविता के प्रति मुक्तिबोध की रुचि उत्तरोत्तर बढ़ती चली गई। अपनी युवावस्था से ही उन्होंने कविताएँ लिखनी शुरू कर दीं जो विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगीं। लेकिन उनकी रचनाधर्मिता की पहचान अज्ञेय द्वारा संपादित तारसप्तक (1943) काव्य-संकलन से बनी, जिसमें सात समकालीन कवियों की रचनाएँ संकलित थीं।

नागपुर विश्वविद्यालय से हिंदी में एम. ए. करने के पहले कई स्थानों पर छोटी-मोटी नौकरियों और सरकारी सेवाओं से जुड़े रहने के बाद मुक्तिबोध दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगाँव (म.प्र.) में अध्यापक हो गए थे। अध्ययन, अध्यापन, पत्रकारिता एवं राजनीति के बीच तथा जीविका की अस्थिरता, अस्वीकृति और असुविद्याओं के बावजूद उनका लेखन निरंतर समृद्धतर होता गया। मुक्तिबोध की प्रयोगवादी कविताओं में एक प्रकार के बौद्धिक व्यक्तिवाद और मानसिक प्रत्याघातों का विलक्षण, विशिष्ट लेकिन जटिल संयोजन देखा जा सकता है। उनके काव्य-संकलन चाँद का मुँह टेढ़ा है और भूरी-धूरी खाक धूल एक समर्पित रचनाकार के खुरदरे अनुभव के मुखर दस्तावेज़ हैं। अपने सघन बिम्ब-निर्माण, स्मृतिगर्भ उपकरण और कालबद्ध स्वभाव के बावजूद अपने वर्तमान में गहराई से धँसी मुक्तिबोध की रचनाएँ समकालीन कविता के पाठकों के लिए एक अनिवार्य प्रस्थान हैं। उनकी लम्बी कविताओं में मुक्तछंद के न्यास के बीच के नाटकीय अंतराल कभी अपनी भंगिमा में विखंडित या विद्रूप हो जाते हैं तो कभी फैन्टेसी में तब्दील हो जाते हैं। उनके सघन बिम्बों का निर्माण एक तरह की रचनात्मक बेचैनी और ऐंठन में से गुज़र कर होता है। मुक्तिबोध की चर्चित कृतियाँ हैं : चाँद का दुँह टेढ़ा है; कामायनी : एक पुनार्विचार, नयी कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र, एक साहित्यिक की डायरी, काठ का सपना, विपात्र सतह से उठता आदमी और भूरी-भूरी खाक धूल।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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