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मुल्क पटकथा
मैंने 17 साल की उम्र में जब ‘गरम हवा’ देखी थी तो मुझे अपना सिर्फ भारतीय होना पता था। मैं ‘मुल्क’ देखते हुए रोती रही क्योंकि अब मुझे पता है कि मुसलमान होना क्या होता है और उसके साथ क्या-क्या आता है। राना सफवी, इतिहासकार ‘मुल्क’ देखकर मेरा मन किया कि मैं खुशी से चिल्लाऊँ। बहुत ज़ोर से। शुभ्रा गुप्ता, फिल्म समीक्षक, इंडियन एक्सप्रेस निडर, दमदार और सम्मोहक। सैबल चटर्जी, फिल्म समीक्षक, एनडीटीवी ‘मुल्क’ ने बतौर भारतीय मुझे गर्व और खुशी से भर दिया। विशाल ददलानी, गायक-संगीतकार कमाल की फिल्म। हर शॉट, हर डायलॉग और हर पल बिल्कुल परफेक्ट। फ़े डिसूज़ा, पत्रकार मुल्क की चमक और साहस स्तब्ध कर देते हैं। हमारे समय की सबसे महत्त्वपूर्ण फिल्मों में से एक।
— शेखर गुप्ता, पत्रकार एवं सम्पादक
Additional information
Additional information
Weight | 0.5 kg |
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Dimensions | 21 × 14 × 4 cm |
Authors | |
Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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