Nadi Ki Toot Rahi Deh Ki Awaz

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Nadi Ki Toot Rahi Deh Ki Awaz

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525.00 395.00

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525.00 395.00

Author: Shriprakash Mishra

Availability: 5 in stock

Pages: 491

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9789389742411

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

नदी की टूट रही देह की आवाज

यह उपन्यास जमीन से जुड़ी समस्या पर आधारित है और इस मामले में यह प्रेमचन्द्र, रेणु, शिवप्रसाद सिंह आदि की रचनाओं की आगे की कड़ी के रूप में दिखेगा, एक सर्वथा अपरिचित क्षेत्र और परिस्थिति में अवस्थित। यहाँ असम के लोगों का जीवन अपने पूरे सांस्कृतिक वितान के साथ तथा उसका टकराव अन्य संस्कृतियों के साथ जो बहिरागतों के आने के कारण बना है-उभर कर चित्रित हुआ है। वहां का आम आदमी अनुभव करता है कि वह अपने ही वतन में अल्पसंख्यक होता जा रहा है। अपने मध्यवर्गीय चरित्र के कारण सरकारें उसका समाधान निरन्तर टालती रहती हैं। परिणामस्वरूप इंसरजेंसी और आतंकवाद वहाँ के जीवन का अंग बन जाता है। लड़ते हुए लोगों का एक पूरा जीवन बीत जाता है, पर एक अदना-सा जमीन का टुकड़ा हस्तगत नहीं हो पाता। आज जो राष्ट्रीय नागरिकता पंजी और नया नागरिक विधान की बहस चल रही है, उसकी रुनझुन उपन्यासकार ने काफी पहले अनुभव कर लिया है।

यह पूरा वृत्तान्त एक सुन्दर कहानी के माध्यम से इस उपन्यास में आया है। श्रीप्रकाश मिश्र निम्न मूलतः कवि हैं। इसलिए उनका प्रकृति का मनुष्य के स्वभाव का, नौकरशाहों और राजनेताओं के व्यवहार का वर्णन एक खूबसूरत भाषा में हुआ है। यह उपन्यास पाठकों को कई तरह से समृद्ध करेगा।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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