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Description
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नागरिक समाज
बसंत त्रिपाठी की कविता अपनी भंगिमा और सुसप्ष्ट अभिव्यक्ति के लिए अलग से चिह्नित की जाती रही है। प्रस्तुत संग्रह में समाज की मुश्किलों, घरबार की प्रेमिल छवियों, लोकतान्त्रिक संकटों के बीच राजनीतिक विद्रूपताओं, पतन और करतबों को संग्रह के पहले खण्ड में और अपनी हिन्दी भाषा, साहित्य और कविता आदि विषयों पर खण्ड दो में विन्यस्त किया है।
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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