Nakshtraheen Samay Mein

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Nakshtraheen Samay Mein

Nakshtraheen Samay Mein

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300.00 250.00

Author: Ashok Vajpeyi

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2016

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126728220

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

नक्षत्रहीन समय में

अशोक वाजपेयी का यह पन्द्रहवाँ कविता-संग्रह उनके पहले कविता-संग्रह के प्रकाशन के 50वें वर्ष में प्रकाशित हो रहा है। अपनी कविता के मूल स्वर और सरोकार पर अड़े रहे इस कवि ने हर बार अपनी कविता के संसार में कुछ ऐसा शामिल किया, खोजा है जो पहले नहीं था। इस बार समकालीन राजनीति में जो उथल-पुथल हुई है, उसके प्रतिरोध के रूप में उनकी कविता खड़ी हुई है। टेढ़ेपन पर अटल भरोसा रखनेवाले कवि ने इसमें कुछ सपाटबयानी भी की है। इस सबके बावजूद होने का अवसाद, गहरा आत्मालोचन और अदम्य जिजीविषा सब कुछ यहाँ एक साथ है। सयानापन और ज़‍िम्मेदारी, शब्द और शिल्प से कुछ खिलवाड़ तथा रोज़मर्रा की ज़‍िन्दगी का सहज अध्यात्म फिर चरितार्थ है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2016

Pulisher

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