Natak Jaari Hai

Sale

Natak Jaari Hai

Natak Jaari Hai

320.00 319.00

In stock

320.00 319.00

Author: C Radhakrishnan translated A Arvindakshan

Availability: 5 in stock

Pages: 394

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9789386771766

Language: Hindi

Publisher: Sahitya Academy

Description

नाटक जारी है

साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत मलयालम्‌ उपन्यास स्पंदमापिनिकले नंदि का हिंदी अनुवाद है। 1988 में पुरस्कृत इस उपन्यास के लेखक सी. राधाकृष्णन हैं। उपन्यास में विज्ञान के सहारे कुरुक्षेत्र की समस्या को आधुनिक चेतना के अनुरूप विश्लेषित करके अभिव्यक्ति देने के दार्शनिक दायित्व को प्रमुखता दी गई है। युगीन समस्याओं की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करते समय लेखक दार्शनिक गंभीरता को व्यक्त करने के लिए सीधी-सरल भाषा के संवादों का प्रयोग करता है जिससे विचार प्रवाह नहीं रुकता है और न ही बोझिल होता है। लेखक अपने इस उपन्यास से पाठकों को आधुनिक विज्ञान से भी परिचित कराना चाहता है जिससे पाठकों की चिंतन प्रक्रिया के लिए नए और आधुनिक प्रेरक तत्त्व प्राप्त हो सकें।

उपन्यास में कविता के सौंदर्य की संवेदना, विज्ञान के सच की ओर पंख पसारने वाली मनीषा, दर्शन की गहराइयों को खोजने वाली भीषण शक्ति, मानवीयता की मंगल कामना के लिए भटकती दृटि-संपन्‍नता को चुनौती की नैतिकता के अनेक ऐसे संदर्भ हैं जो पाठकों को प्रभावित करेंगे। समाज की आत्माओं में होने वाले स्पंदनों को आत्मसात करके यह उपन्यास पाठकों को उन्हीं स्पंदनों को विभिन्‍न दृश्य-श्रव्य रेखाओं के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Natak Jaari Hai”

You've just added this product to the cart: