Navjagaran Ke Shilpi

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Navjagaran Ke Shilpi

Navjagaran Ke Shilpi

250.00 190.00

In stock

250.00 190.00

Author: Karmendu Shishir

Availability: 5 in stock

Pages: 200

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789392380167

Language: Hindi

Publisher: Nayeekitab Prakashan

Description

नवजागरण के शिल्पी

कर्मेन्दु शिशिर नवजागरण के उन विरले अध्येताओं में हैं जिन्होंने न सिर्फ नवजागरण को समग्रता में देखा बल्कि उसके दायरे का विस्तार भी किया। उन्होंने नवजागरण पर उठाये जा रहे तमाम सवालों को लेकर गहन अनुसंधान किये और उन बहसों में अर्थवान हस्तक्षेप किया। इस क्रम में उन्होंने अनेक मौलिक और नयी उद्भावनाओं से इसमें काफी कुछ जोड़ा। उनकी बड़ी भूमिका इस बात में थी कि उन्होंने नवजागरण को व्यतीत मानने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि भारत जैसे बहुआयामी और असमान समाज में यह एक गतिशील और असमाप्त प्रक्रिया है क्योंकि किसी समाज, क्षेत्र अथवा विद्या विशेष में यह देर से फलीभूत हुआ। इस तरह उन्होंने इसको समकालीन संदर्भ से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया जिससे इसकी प्रासंगिकता और अनिवार्यता बढ़ गई। कर्मेन्दु शिशिर का नवजागरण संबंधी कार्य अनेक क्षेत्रों में बहुत ही व्यापक और गहन है। उसमें एक काम नवजागरण के शिल्पियों का है। उन्होंने ‘नवजागरण की निर्मिति’ से ‘नवजागरण के शिल्पी’ तक में अपनी सूक्ष्म वैचारिक अंतर्दृष्टि से नवजागरण के नायकों का एक ऐसा कोलाज खड़ा किया जिसमें भारतेन्दु, प्रेमघन से प्रेमचंद, राधामोहन गोकुल या राधाचरण गोस्वामी जैसे दिग्गज लोग हैं तो मीर मुहम्मद मूनिस, नवजादिक लाल श्रीवास्तव, हवलदार त्रिपाठी ‘सहृदय’ जैसे कर्मठ सेनानी भी। शिवपूजन सहाय, बेनीपुरी, जगदीशचंद माथुर, सत्यभक्त और नलिन जी हैं तो आधुनिक रचनाकारों में केदारनाथ अग्रवाल, त्रिलोचन और रेणु भी। इस परंपरा के विकास में इन सारे तपस्वियों के योगदान को कर्मेंदु ने विवेक और श्रद्धा से स्माण किया है। इस परंपरा को आगे बढ़ाने वालों में सुरेश सलिल और सुधीर विद्यार्थी हैं तो दलित नवजागरण से परिचित कराने वाले अध्येता कँवल भारती भी। कर्मेंदु को नवजागरण के बड़े अध्येता शंभुनाथ और वीरभारत तलवार पर न लिख पाने का गहरा खेद भी है। पुस्तक के आखिरी हिस्से में प्रो. रतनलाल, डॉ. समीर कुमार पाठक, डॉ. कृष्णबिहारी मिश्र, पूर्वा भारद्वाज और ज़फर अंसारी ज़फर के नवजागरण से जुड़ी कार्यों वाली पुस्तकों की समीक्षाएं शामिल हैं जो इसे और महत्वपूर्ण बनाती है।

— वरुण भारती

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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