Naye Badal

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Naye Badal

Naye Badal

295.00 235.00

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Author: Mohan Rakesh

Availability: 5 in stock

Pages: 140

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789355187925

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

नये बादल

नये बादल कथाकार मोहन राकेश का प्रतिनिधि कहानी-संग्रह है। 1957 ई. में इसका प्रथम संस्करण भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित हुआ था। इसमें संगृहीत सोलह कहानियों ने हिन्दी कहानी को एक नयी ऊर्जा प्रदान की थी। आज तक उत्कृष्ट हिन्दी कहानियों की चर्चा होने पर ‘उसकी रोटी’, ‘मलबे का मालिक’, नये बादल’, ‘अपरिचित’ और ‘सीमाएँ’ जैसी कहानियाँ उद्धृत की जाती हैं। देश विभाजन की महात्रासदी और मानव-नियति के दारुण संघर्ष को चित्रित करने वाली रचना ‘मलबे का मालिक’ तो हिन्दी की कालजयी कहानी मानी जाती है। नये बादल की भूमिका में लेखकीय दायित्व का उल्लेख करते हुए मोहन राकेश कहते हैं, “… हमारी पीढ़ी ने यथार्थ के अपेक्षाकृत ठहरे हुए अर्थात वैयक्तिक और पारिवारिक रूप को अपनी रचनाओं में अधिक स्थान दिया है। निरन्तर कुलबुलाते और संघर्ष करते हुए सामाजिक पार्श्व का एक व्यापक भाग अक्रूरता रहा है, जिसकी पहचान और पकड़ हमारे लेखकीय दायित्व का अंग है।” स्वयं राकेश ने इस दायित्व का निर्वाह भली प्रकार किया है, ऐसा इस संग्रह की कहानियों के आधार पर (भी) कहा जा सकता है। राकेश की ये कहानियाँ वर्तमान हिन्दी कहानी के तमाम विमर्शों की ज़मीन तैयार करने में अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। ‘उसकी रोटी’ की बालो की जीवन-गाथा में समकालीन स्त्री-विमर्श के कई आयाम पढ़े जा सकते हैं। ‘सीमाएँ’ को भी इस सन्दर्भ में जोड़ सकते हैं। मोहन राकेश इस कहानी के प्रारम्भ में लिखते हैं, “इतना बड़ा घर था, खाने पहनने और हर तरह की सुविधा थी, फिर भी उमा के जीवन में एक बहुत बड़ा अभाव था जिसे कोई चीज़ नहीं भर सकती थी।” जीवन के स्वभाव और अभाव का अंकन करने में मोहन राकेश बेजोड़ हैं।

प्रस्तुत है नये बादल का पुनर्नवा संस्करण।

अनुक्रम

१.         नये बादल

२.         उसकी रोटी

३.         सौदा

४.         मलबे का मालिक

५.         मन्दी

६.         फटा हुआ जूता

७.         अपरिचित

८.         हवामुर्ग़

९.         मरुस्थल

१॰.       भूखे

११.      शिकार

१२.      उलझते धागे

१३.      छोटी-सी बात

१४.      सीमाएँ

१५.      उर्मिल जीवन

१६.      एक पंखयुक्त ट्रेजेडी

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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