- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
नील कुसुम
प्रस्तुत काव्य संग्रह ‘नील कुसुम’ में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की – सौन्दर्यन्वेशी वृत्ति काव्यमयी हो जाती है पर यह अंधेरे, में ध्येय सौंदर्य का अन्वेषण नहीं, उजाले में ज्ञेय सौंदर्य का आराधन है। कवि के स्वर का ओज नये वेग से नये शिखर तक पहुँच जाता है। वह कव्यात्मक प्रयोगशीलता के प्रति आस्थावान है। स्वयं प्रयोगशील कवियों को जयमाल पहनाने और उनकी राह फूल बिछाने की आकांक्षा उसे विकल कर देती है। नवीनतम काव्यधारा से संबंध स्थापित करने की कवि की इच्छा स्पष्ट हो जाती है। प्रस्तुत पुस्तक में पाठक कवि के भाषा प्रवाह, ओज अनुभूति की तीव्रता और अच्छी संवेदना का अनुभव करेंगे।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2010 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.