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Description
निजी सचिव
‘निजी सचिव’ एक चरित प्रधान मनोवैज्ञानिक उपन्यास है। इसमें एक ऐसी आत्मदम्भी नारी का चित्रण है। जो एक पुरुषत्व हीन व्यक्ति से विवाहित होकर भी अपनी आत्म पीड़ा के विषाद को सदैव मधुर मुस्कान में ही बिखेरती रहती है। वह एक अप्रतिम रूप, सौन्दर्य, शाल, शिक्षा गण से युक्त आधुनिकतम नारी है, फिर भी समाज उसे एक स्त्रेण और परम विलासिनी समझता है परन्तु वह कहीं भी अपने चरित्र की रक्षा के लिए वकालत को एक शब्द भी नहीं कहती है। जीवन का खुल कर सम्यक् उपभोग करती हुई जीती है और अंत में टूट अवश्य गई परन्तु झुकी नहीं। प्रयोग की दृष्टि से उपन्यास असाधारण है और ख्याति भी पर्याप्त अर्जित करेगा।
दो शब्द
‘निजी सचिव’ की रचना केवल एक संयोग है। अभी तक मैंने जो उपन्यास लिखे हैं, वे किसी न किसी ‘थीम’ को लेकर ही लिखे हैं। केवल यही एक उपन्यास है जिसे केवल चित्रण की प्रबल चाह को पूरा करने के लिए चित्रकार के नाते लिखा गया हूँ। यह चित्र कैसे बन पड़ा है, यह तो पाठक ही बतायेंगे। पर इसे लिखकर मुझे आत्मतुष्टि अवश्य हुई।
मैं आत्माराम एण्ड संस के संचालक श्री पुरी जी का हार्दिक रूप से कृतज्ञ हूँ जिन्होंने इस उपन्यास के तत्काल प्रकाशन की व्यवस्था की तथा अपनी श्रीमती का भी, जिनसे इसे लिखने में समय-समय पर प्रेरणा मिलती रही है।
सत्यप्रसाद पाण्डेय
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
Language | Hindi |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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