Nirala Kavya ki Chhaviyan

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Nirala Kavya ki Chhaviyan

Nirala Kavya ki Chhaviyan

695.00 520.00

In stock

695.00 520.00

Author: Nandkishore Naval

Availability: 5 in stock

Pages: 194

Year: 2023

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126721191

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

निराला काव्य की छवियाँ

निराला आज खड़ी बोली के सर्वश्रेष्ठ कवि के रूप में मान्य हैं, लेकिन इस मान्यता तक उनके पहुंचने की भी एक कहानी है–संघर्षपूर्ण। उन्होंने एक तरफ कविता को मुक्त किया और दूसरी तरफ उसमें ऐसे अनुशासन की मांग थी, जिसकी पूर्ति बहुत थोड़े कवि कर सकते हैं। उनकी विशेषता यह है कि प्रचंड भावुक होते हुए भी वे एक विचारवान् कवि थे और उनकी विचारशीलता स्थिर न होकर अपनी जटिलता में भी गतिशील थी। वे वस्तुतः भारतीय स्वाधीनता-आंदोलन की देन थे, लेकिन उनकी स्वाधीनता की धारणा अपने समकालीन कवियों से बहुत आगे ही नहीं थी, बल्कि क्रांतिकारी थी। यही कारण है कि वे नई पीढ़ी के लिए भी प्रासंगिक बने हुए हैं।

‘निराला-काव्य की छवियां’ नामक इस पुस्तक का पहला खंड इन तमाम बातों का विश्लेषणपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत करता है। दूसरा खंड निराला की कुछ पूर्ववर्ती और परवर्ती चुनी हुई कविताओं की पाठ-केंद्रित आलोचना से संबंधित है। ‘प्रेयसी’, ‘राम की शक्ति-पूजा’, ‘तोड़ती पत्थर’, ‘वन-बेला’ और ‘हिंदी के सुमनों के प्रति पत्र’ निराला की ऐसी कविताएं हैं, जो उनके पूर्ववर्ती काव्य के विषय-वैविध्य को दर्शाती हैं। यहां उनकी व्याख्या के प्रसंग में उनकी अखंडता को ध्यान में रखते हुए उन्हें परत-दर-परत उधेड़कर देखने का प्रयास किया गया है। पुस्तक के दूसरे खंड की अप्रतिम विशेषता यह है कि इसमें कदाचित् पहली बार निराला के परवर्ती काव्य का मार्क्सवाद और हिंदी प्रदेश के कृषक-समाज से संबंध पूर्वग्रहमुक्त होकर निरूपित किया गया है। जैसे ‘सुमनों के प्रति पत्र’ निराला की पूर्ववर्ती आत्मपरक सृष्टि है, वैसे ही ‘पत्रोकंठित जीवन’ उनकी परवर्ती आत्मपरक सृष्टि। निराला-काव्य के अध्येता डॉ. नंदकिशोर नवल ने, जो निराला रचनावली के संपादक भी हैं; प्रस्तुत पुस्तक में निस्संदेह निराला के काव्य-लोक की बहुत ही भव्य फलक दिखलाई है।

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Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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