O Bhairvi
O Bhairvi
₹75.00 ₹65.00
₹75.00 ₹65.00
Author: Yashpal
Pages: 130
Year: 2010
Binding: Paperback
ISBN: 9788180314490
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
अनुक्रम
- ओ भैरवी!
- वर्दी
- नकारा
- सामन्ती कृपा
- देवी की लीला
- गौ माता
- महाराजा का इलाज
- मूर्ख क्रोध
- सब की इज्जत
- न्याय और दण्ड
- मन की पुकार
- देखा-सुना आदमी
ओ भैरवी !
भगवान् तथागत की अजस्र करुणा के प्रभाव से राजगृह और उसके समीपवर्ती प्रदेशों के जन समुदाय में परिग्रह की प्रवृत्ति क्षीण होकर निर्वाण की कामना बढ़ रही थी। निर्वाण की कामना से जनगण की भावना भी वैराग्य की ओर रही थी। नगर में चैत्य के समीप बने विहार में अनेक भिक्षु निवास कर रहे थे। नगर से पाँच योजन दूर नालंदा महाविहार से भी अनेक भिक्षु आकर नागरिकों को अभिधर्म के मार्ग से दुख के कारणों और दुख से त्राण के मार्ग का उपदेश देते रहते थे।
नगर के श्रीमान अतुल धन उपार्जन करके भी उसमें आसक्त न होते थे। वे दान द्वारा धर्म में श्रद्धा और वैराग्य वृत्ति का परिचय देते थे। इतर जन श्रीमानों की दान-दया के आश्रय अल्प अन्न-बस्त्र से भी संतुष्ट होकर, भिक्षुओं के उपदेश से मन को शान्त बनाये रखने का विश्वास कर रहे थे परन्तु राजगृह का कलाकार माहुल मन को सन्तुष्ट नहीं रख पाता था।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2010 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.