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Description
ओकुहेपा
यदि विद्यालयी शिक्षा मनुष्य को शिक्षित करती है तो यायावरी उस शिक्षा को कुछ और समृद्ध कर देती है। किताबी ज्ञान एक मनुष्य को नौकरी या रोजगार पाने के लायक बनाता है तो घुमक्कड़ी मनुष्य को अपनी जीवन-यात्रा सुगम बनाने में मदद करती है। इसलिए मानव-जीवन में यात्राओं की अप्रतिम महत्ता है। प्रस्तुत पुस्तक लेखक द्वारा देशभर में की गई बहुल यात्राओं का एक ऐसा ही दस्तावेज है, जिसमें यात्रा स्थलों का इतिहास, भूगोल, संस्कृति, कला, पर्यावरण, रीति-रिवाज आदि अनेक पक्षों-आयामों के झरोखे खुलते हैं। यात्राओं में जहाँ भारत के सुदूर दक्षिण का अंडमान-निकोबार शामिल है, वहीं सुदूर पूर्व के अरुणाचल की निरभ्र प्रकृति के दर्शन भी होते हैं, सुदूर पश्चिम के गुजरात का नया-नवेला पर्यटन स्थल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भी यात्राओं की जद में है तो उत्तर में भारत-चीन सीमा के अंतिम गाँव की झलक भी हम देखते हैं। लेकिन सबसे अधिक जिस प्रदेश की यात्रा यहाँ शामिल है वह है राजस्थान, जो लेखक की जन्म और कर्मभूमि होने के नाते सहज स्वाभाविक है। लेखक ने इतिहास के अनेक खोये पन्ने अपनी इन यात्राओं में खोले हैं, जिनसे होकर गुजरना एक पाठक की ज्ञान-मंजूषा को थोड़ा और समृद्ध कर देता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
Language | Hindi |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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