Panchanve Bhashaon Ka Samekit Paryay Shabdhkosh

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Panchanve Bhashaon Ka Samekit Paryay Shabdhkosh

Panchanve Bhashaon Ka Samekit Paryay Shabdhkosh

400.00 360.00

In stock

400.00 360.00

Author: Dr. Rajendra Prasad Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 296

Year: 2010

Binding: Hardbound

ISBN: 9789380417127

Language: Hindi

Publisher: Aman Prakashan

Description

पंचानवे भाषाओं का समेकित पर्याय शब्दकोश

अनेक भाषाओं का समेकित पर्याय शब्दकोश संपादित करने की मेरी इच्छा कई सालों से थी। मैं विभिन्‍न भाषाओं के कोशग्रंथों का संग्रह कर रहा था। कौन-सी भाषा का कोशग्रंथ कहाँ से प्रकाशित हुआ है, इसे पता करना आसान नहीं था। कुछ भाषाएँ ऐसी भी हैं जिनके कोशग्रंथ तैयार नहीं हैं। ऐसी भाषाओं के लिए मुझे उस भाषा विशेष के जानकारों से संपर्क करना पड़ा है। कुल मिलाकर कोश के लिए सामग्री जुटाने में मेरे कई साल बीत गये।

कोंकणी और डोगरी के लिए भी मैं कई सालों से परेशान था। सामग्री मिलने पर मैंने देखा कि बहुत से शब्दों का पर्याय एक भाषा में है तो दूसरी में नहीं है, यदि दूसरी भाषा में है तो तीसरी में नहीं है। ऐसे में मुझे सर्वनिष्ठ शब्दों की तलाश करनी पड़ी है। कई मामलों में ऐसा भी हुआ है कि किसी शब्द का पर्याय एक-दो भाषाओं में या इससे भी अधिक भाषाओं में नहीं मिल रहा है तब मुझे ऐसे शब्दों के लिए उस भाषा विशेष के निकट पर्याय शब्दों से काम चलाना पड़ा है। ऐसी बात लिपि के साथ भी हुई क्योंकि देवनागरी में सभी भाषाओं की ध्वनियों को लिपिबद्ध करने की क्षमता नहीं है। देवनागरी क्‍या, दुनिया की कोई भी लिपि संसार की सभी भाषाओं की ध्वनियों को लिपिबद्ध नहीं कर सकती है। इसलिए कोश में विभिन्‍न भाषाओं के शब्दों को देवनागरी लिपि के समीप लाकर मैंने लिख दिया है। कारण कि देवनागरी में विभिन्‍न अस्वाभाविक चिन्हों को लगाकर मैं कोश को जटिल बनाने का पक्षधर नहीं हूँ। सचमुच शब्दकोश संपादित करना श्रमसाध्य कार्य है।

  • डॉ. राजेन्द्रप्रसाद सिंह

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2010

Pulisher

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