Pariyon Ki Kahaniyan

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Pariyon Ki Kahaniyan

Pariyon Ki Kahaniyan

70.00 60.00

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Author: Jacob Grimm Translated Srikant Vyas

Availability: 5 in stock

Pages: 80

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9788174830135

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

परियों की कहानियां

1

बहुत पुराने ज़माने की बात है एक राजा था। उसके महल में एक बहुस सुन्दर बाग था। बाग में तरह-तरह के फूलों के पौधे और अनेक प्रकार के मीठे फलों के पेड़ थे। लेकिन इस बाग में सबसे आश्चर्यजनक चीज़ थी एक सेब का पेड़ था, जिसमें सोने के सेब लगते थे।

राजा ने इस पेड़ की देख-भाल का खास इंतजाम कर रखा था। जब इसके फल पकते थे तो चौकीदार रात-दिन पेड़ का पहरा दिया करते थे, ताकि कोई सोने का सेब चुराकर न ले जाए।

लेकिन एक दिन की बात है कि बाग के माली ने जब सोने के सेबों को गिना तो उसमें से एक सेब गायब था। उसने दौड़कर राजा को खबर दी। राजा फौरन बाग में पहुंचा। उसे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि देख-भाल का इतना पक्का इंतज़ाम होने पर भी एक सेब किसी ने चुरा लिया। उसने ऐलान किया कि कोई सोने के सेब को चुराने वाले चोर का पता देगा, उसे इनाम दिया जाएगा।

सबसे बड़े राजकुमार ने राजा से कहा कि रात में वह पहरा देगा और चोर को पकड़ने की कोशिश करेगा। राजा ने उसको इसकी इजाज़त दे दी। बड़ा राजकुमार रात में पहरा देने लगा, लेकिन दो घंटे बाद ही उसे नींद आ गई और वह सो गया।

सुबह उठकर जब उसने सेबों को गिना तो वह देखकर चकित रह गया कि रात-भर में एक और सेब गायब हो गया था। इसके बाद दूसरी रात को मंझले राजकुमार ने पहरा देने का काम संभाला, उसे भी नींद आ गई और तीसरा सेब चोरी हो गया।

राजा बहुत चिन्तित था। दरबारियों की भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए ! सब लोग उदास बैठे थे कि इतने में सबसे छोटा राजकुमार आया और उसने कहा कि आज की रात मैं पहरा दूंगा और चोर को पकड़ूंगा। राजा इस राजकुमार से खुश नहीं रहता था। वह उसे मूर्ख भी मानता था। उसने उसे डांटते हुए कहा, ‘‘तुम क्या समझते हो, क्या तुम्हें इसमें सफलता मिलेगी ? तुमसे बड़े और तुमसे ज़्यादा समझदार दोनों राजकुमार इस काम में असफल हो चुके हैं। तुम जाओ अपना काम करो।’’

लेकिन छोटा राजकुमार नहीं माना। उसने राजा से प्रार्थना की कि उसे एक मौका ज़रूर दिया जाए। अन्त में राजा राज़ी हो गया।

राजकुमार रात में पहरा देने लगा। उसने तय किया कि वह किसी भी हालत में नहीं सोएगा और चोर को ज़रूर पकड़ेगा। जब आधी रात हुई और बारह बजे का आखिरी घंटा बजा तो राजकुमार ने देखा कि एक सुन्दर सोने की चिड़िया कहीं से उड़ती हुई आई और सेब के पेड़ पर बैठ गई। उसने देखते-देखते सोने का एक सेब तोड़कर अपनी चोंच में पकड़ लिया।

राजकुमार ने फौरन निशाना साधकर तीर चला दिया। लेकिन तीर चिड़िया को नहीं लगा और वह पंख फड़फड़ाकर उड़ गई। हां, इतना अवश्य हुआ कि उसका एक सुनहरा पंख टूटकर ज़मीन पर आ गिरा। दूसरे दिन सुबह राजकुमार ने राजा को सारी बात, बता दी और वह सोने का पंख उनके सामने रख दिया। पंख इतना सुंदर और इतना कीमती था कि राजा उसे देखता ही रह गया उसने कहा, ‘‘अगर उस चिड़िया का एक पंख इतना सुन्दर है तो वह पूरी चिड़िया किनती सुन्दर होगी ! मैं चाहता हूं कि उस चिड़िया को कोई पकड़ लाए।’’

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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