Pashchatya Sahityalochan Paribhashavali

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Pashchatya Sahityalochan Paribhashavali

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299.00 225.00

In stock

299.00 225.00

Author: Vivek Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 230

Year: 2025

Binding: Paperback

ISBN: 9789362012920

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

पाश्चात्य साहित्यालोचना परिभाषावली

पाश्चात्य साहित्यालोचना परिभाषावली सामान्य विमशों में प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दों, उनके अर्थों तथा संस्कृति और समाज में उनके आयामों और महत्त्व का साझा स्वरूप है।

विगत वर्षों में देश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अवस्था में काफी परिवर्तन आए हैं। इन परिवर्तनों और उनके आयामों का विस्तृत अध्ययन आवश्यक है। भूमण्डलीकरण के इस दौर में भारतीय परिदृश्य पर वैश्विक पटल का प्रभाव पड़ना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। साहित्य, जो समाज का आईना है, उसपर यह बदलाव स्पष्टतः देखा जा सकता है। हिन्दी साहित्य पर उपनिवेशवाद का काफी प्रभाव रहा है, बल्कि यह कहना कि उपनिवेशवाद के प्रभाव को समझे बिना हिन्दी साहित्य का गम्भीर अध्ययन नहीं किया जा सकता, गलत नहीं होगा। प्रो. अवधेश कुमार सिंह का मानना है कि हिन्दी साहित्य के निर्माण में उपनिवेशवाद का असर स्पष्ट परिलक्षित होता है। इसीलिए पाश्चात्य आलोचनात्मक परम्परा को समझना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। हमने देखा है कि हिन्दी के बहुत से प्रख्यात विद्वानों ने फ्रायड, और मार्क्स जैसे पश्चिमी विचारकों को समझने और उनके विचारों के प्रयोग का प्रयास किया है।

— भूमिका से

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

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Publishing Year

2025

Pulisher

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