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Description
परफेक्ट प्रेम
हमने आज तक फोटोग्राफी के बदलते हुए कई रूप देखे हैं 20वीं शताब्दी में हमने जब फोटोग्राफी की शुरुआत की तब पहले एक फोटो खीचनें में तीन से चार दिन का समय लगता था हमने ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें लेने से अपनी फोटोग्राफी का सफ़र शुरू किया, जिसका रिजल्ट देर से मिलता था फिर कलर फोटो लैब का दौर आया, जो अब कम ही नज़र आता हैं।
अब तो डिजिटल कैमरे से क्रांति आ गयी हैं तकनीक के बेहतर होने से काम आसान हो गया हैं लेकिन इसकी अपनी समस्याएं भी हैं जब हर आदमी के पास डिजिटल कैमरा मोबाइल फ़ोन पर ही उपलब्ध है तो फोटोग्राफरों पर खर्च कौन करें इन्टरनेट पर भी फोटो की भरमार है इस बदलाव ने फोटोग्राफरों की रोज़ी-रोटी पर असर डाला है, उनके काम करने के अवसर छीन लिए हैं। इस पुस्तक में विषम परिस्थितियों से निकल कर अपना मुकाम बनाने वाली महिला फोटोग्राफरो के बारे में विस्तार से चर्चा की गई हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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