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Description
फिर सुबह होगी
प्रस्तुत उपन्यास ‘फिर सुबह होगी’ में पीड़ा का दवा-दवा स्वर गूँजता है जो एक पीढ़ी से शुरू होता है और इसका अंट दूसरी पीढ़ी में जाकर होता है। इस उपन्यास में कुछ पात्रों को लेकर कथानक का ताना-बाना तैयार किया गया है, जो मध्यम वर्ग से सम्बन्ध रखते हैं। सभी पत्र पाठकों के सुपरिचित व्यक्तियों में से लिये गये हैं परन्तु कहानी की रोचकता व् सजीवता में कोई कमी नहीं महसूस होती। विश्वास है यह उपन्यास पाठकों को शुरू से अंत तक बांधे रखने में सक्षम सिद्ध होगा।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2016 |
Pulisher |
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