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Description
प्रभाकर माचवे रचना संचयन
प्रभाकर माचवे (1917-1991) बहुभाषाविद्, भाषाओं के सेतु, कवि कथाकार, निबंधकार, आलोचक और अनुवादक थे। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व कई पीढ़ियों के साहित्यकारों को प्रेरणा देता रहा है। मराठी भाषी होते हुए भी उन्होंने हिंदी को अभिव्यक्ति का माध्यम चुना और अन्य भारतीय भाषाओं के साथ ही विश्व साहित्य को भी अपनी साधना का क्षेत्र बनाया। लगभग पचास वर्षों के अपने लेखकीय जीवन में माचवे जी के प्रकाशित हिंदी ग्रंथों की संख्या अस्सी है, जिनमें साहित्य की लगभग सभी विधाएँ शामिल हैं। अनूदित ग्रंथों की संख्या अठारह है। मराठी के तेरह ग्रंथ हैं। अंग्रेज़ी के मौलिक एवं संपादित ग्रंथों की संख्या सत्रह है, यानी तीन भाषाओं में ही एक सौ तीस पुस्तकें। उनकी कृतियों के विषय वैविध्य, भाषा वैविध्य, विधा वैविध्य और विचार वैविध्य किसी को भी चमत्कृत कर सकते हैं।
साहित्य अकोदमी की स्थापना से लेकर सत्तर के दशक तक प्रभाकर माचवे इसके उपसचिव और सचिव की हैसियत से संबद्ध रहे। साहित्य अकादेमी की अनेक कार्ययोजनाओं को मूर्त रूप देने में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। माचवे जी ने अपने बहुविध एवं सक्रिय व्यक्तित्व से भारतीय भाषाओं के अनेक रचनाकारों को साहित्य सृजन के लिए प्रेरित किया था।
इस रचना-संचयन से प्रभाकर माचवे के समग्र योगदान की एक प्रतिनिधि झलक पाठकों को प्राप्त हो सकेगी, ऐसा विश्वास है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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