Pranon Mein Ghule Huye Rang

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Pranon Mein Ghule Huye Rang

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495.00 375.00

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495.00 375.00

Author: Phanishwarnath Renu

Availability: 5 in stock

Pages: 232

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170552628

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

प्राणों में घुले हुए रंग

इस संग्रह में रेणु की इतनी विधाओं में लिखी गयी रचनाओं को एक साथ प्रकाशित करने का उद्देश्य यह है कि इस संग्रह के द्वारा पाठकों को रेणु की ‘बहुमुखी प्रतिभा’ से परिचय एवं उनकी अप्रकाशित-असंकलित यानी अप्राप्य रचनाओं से पाठकों का साक्षात्कार एक ही साथ हो। कहानी, रिपोर्ताज़, नाटक, संस्मरण, निबन्ध, पत्र और पटकथा-ये सात विधाएँ सात रंग की तरह हैं, जो एक-दूसरे से अलग होते हुए भी अभिन्न हैं। इन सभी के द्वारा रेणु के प्राणों में घुले हुए सभी रंग एवं भाव प्रकट हुए हैं। कुछ रंग उदास, मटमैले हैं, तो कुछ चटक, कुछ पीले तो कुछ टह-टह लाल, कहीं-कहीं सफेद रंग दूर तक फैला दिखाई देता है, तो कभी अँधेरे की तरह काला रंग मन में घर करने लगता है।

…रेणु की ये रचनाएँ जीवन के एक-एक भाव को, एक-एक रंग को…यानी कि जीवन को समग्रता के साथ देखती, परखती और प्रस्तुत करती हैं। रेणु के लिए कोई भी रंग ख़राब नहीं है, वे एक ऐसे बड़े चित्रकार हैं, जो हर रंग से अपने भावात्मक तादात्म्य को स्थापित करता है।

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Hardbound

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Language

Hindi

Publishing Year

2018

Pages

Pulisher

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