Pranvayu
Pranvayu
₹395.00 ₹335.00
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Author: Ambikasutan Mangad Translated by Dr.Suma S.
Pages: 128
Year: 2021
Binding: Hardbound
ISBN: 9789355180452
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
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Description
प्राणवायु
प्राणवायु – उत्तर-आधुनिकता का जश्न मनाये बिना आधुनिक काल की विसंगतियों की समस्यात्मक और आलोचनात्मक टिप्पणी प्रस्तुत करने वाली हैं मलयालम साहित्य के मशहूर पारिस्थितिक कहानीकार अम्बिकासुतन मान्गाड की कहानियाँ।
मानव जीवन को बिना किसी सजावट के, बिना किसी भाषापरक अतिशयोक्ति या अलंकरण के अम्बिकासुतन कहानी लिखने में सिद्धहस्त हैं। उनकी कहानी केवल अनुभव नहीं बल्कि एक भविष्यवाणी भी है। एक रचना तब अमर हो जाती है जब लेखक भविष्यवक्ता बन जाता है। अम्बिकासुतन जी ऐसे ही एक क्रान्तदर्शी कहानीकार हैं। संकलन की अन्तिम कहानी ‘प्राणवायु’ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
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Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
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