Prashna Aur Marichika

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Prashna Aur Marichika

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895.00 675.00

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895.00 675.00

Author: Bhagwaticharan Verma

Availability: 5 in stock

Pages: 442

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126705764

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

प्रश्न और मरीचिका

भूले बिसरे चित्र और सीधी सच्ची बातें के बाद भगवती बाबू की एक और बृहद् औपन्यासिक कृति…भारत के निकट अतीत के इतिहास को कथा के माध्यम से प्रस्तुत-विश्लेषित करने का एक साहसपूर्ण प्रयोग ! इस उपन्यास में लेखक ने जिस ज्वलंत प्रश्न को वाणी दी है वह आज हर भारतीय के मन में घुमड़ रहा है। वह प्रश्न है कि क्यों अपनी अगाध जन-शक्ति और प्रचुर भौतिक साधनों के होते हुए भी भारत एक शक्तिशाली देश नहीं बन पाया। लेखक ने गहराई में जाकर इस समस्या का कारण भी खोज निकाला है और निष्कर्ष दिया हैहर ओर फैले स्वार्थ और भ्रष्टाचार को देखते हुए भी जो लोग यह आशा करते हैं कि कोई स्वच्छ शासन-तंत्र देश को पुनरुत्थान की ओर ले जाएगा, वे मरीचिका के पीछे भटक रहे हैं। किंतु भाग्यवादी होते हुए भी लेखक देश के भविष्य के प्रति निराश नहीं है।

गीता के उपदेशों पर विश्वास करते हुए उसका कहना है कि वर्तमान व्यवस्था के नष्ट होने के बाद एक नए भारत का जन्म होगा। इसके अलावा हमारी वर्तमान समस्याओं का और कोई समाधान नहीं है। प्रश्न और मरीचिका आज़ादी के बाद से 1962 तक के भारत का एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ है।

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Authors

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Hardbound

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

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