Pratinidhi Kavitayen : Raghuvir Sahay

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Pratinidhi Kavitayen : Raghuvir Sahay

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75.00 68.00

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75.00 68.00

Author: Raghuveer Sahai

Availability: 10 in stock

Pages: 162

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9788171789634

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

प्रतिनिधि कहानियाँ : रघुवीर सहाय

‘आजादी’ मिली। इेयर में ‘लोकतंत्र’आया। लेकिन इस लोकतंत्र के पिछले पाँच दशकों में उसका सर्जन करनेवाले मतदाता का जीवन लगभग असम्भव हो गया। रघुवीर सहाय भारतीय लोकतंत्र की विसंगतियों के बीच मरते हुए इसी बहुसंख्यक मतदाता के प्रतिनिधि कवि हैं, और इस मतदाता की जीवन-स्थितियों की खबर देनेवाली कविताएँ उनकी प्रतिनिधि कविताएँ हैं।

रघुवीर सहाय का ऐतिहासिक योगदान यह भी है कि कविता के लिए सर्वथानए विषय-क्षेत्रों की तलाश की और उसे नई भाषा में लिखा। इन कविताओं को पढ़ते हुए आप महसूस करेंगे कि उन्होंने ऐसे ठिकानों पर काव्यवस्तु देखी है जो दूसरे कवियों के लिए सपाट और निरा गद्यमय हो सकता है। इस तरह उन्होंने जटिल होते हुए कवि-कर्म को सरल बनाया। परिणाम हुआ कि आज के नए कवियों ने उनके रास्ते पर सबसे अधिक चलने की कोशिश की। रघुवीर सहाय की कविताओं से गुजरना देश के उन दूर दराज इलाकों से गुजरना है जहाँ आदमी से एक दर्जा नीचे का समाज असंगठित राजनीति का अभिशाप झेल रहा है।

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Publishing Year

2018

Pulisher

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Hindi

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