Prayagraj Aur Kumbh : Sanskritik Vaibhav Ki Abhinav Gatha

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Prayagraj Aur Kumbh : Sanskritik Vaibhav Ki Abhinav Gatha

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Author: Kumar Nirmalendu

Availability: 5 in stock

Pages: 261

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9789388211529

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

प्रयागराज और कुम्भ : सांस्कितक वैभव की अभिनव गाथा

प्रयागराज को तीर्थराज कहा गया है। यह भारत का सर्वप्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र होने के साथ ही भारतीय सात्त्विकता का सर्वोत्तम प्रतीक भी है। यह हिन्दू-आस्था का एक महान केन्द्र तो है ही, यह हमारे देश की धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना का केन्द्रबिन्दु भी है। प्रयागराज के माहात्म्य का विस्तृत वर्णन मत्स्य, पद्म और कूर्म पुराण के कई अध्यायों में मिलता है।

कुम्भ के दौरान संगम तीर्थ पर एक स्नान-दिवस पर भक्तिभाव से कई बार इतने लोग जमा हो जाते हैं कि उनकी संख्या दुनिया के कई देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक होती है। उन श्रद्धालुओं को कभी कोई निमंत्रण नहीं देता, वे श्रद्धा और भक्ति की एक अदृश्य डोर में बँधकर वहाँ खिंचे चले आते हैं। हमारी सनातन सस्कृति का यह चुम्बकीय आकर्षण अनादिकाल से यथावत् बना हुआ है। श्रद्धा और आस्था का यह आवेग सदियों से चली आ रही हमारी परम्परा का हिस्सा है। यह परम्परा हमें अपनी मूल संस्कृति से जोड़े रखने के साथ ही सांस्कृतिक एकीकरण का पथ भी प्रशस्त करती है। स्वाभाविक रूप से प्रयागराज और कुम्भ के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानना-समझना एक सुखद अनुभूति है।

बहरहाल, अभिलेखीय और साहित्यिक स्रोतों के आधार पर प्रयागराज और कुम्भ के गौरवशाली इतिहास को इस पुस्तक में बहुत ही सरस ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसमें प्रामाणिकता और रोचकता का मणि-कांचन संयोग है। यह पुस्तक हमारे देश के सांस्कृतिक वैभव की एक अभिनव गाथा लेकर आई है।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2019

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