Prayog Champaran

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Prayog Champaran

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Author: Arvind Mohan

Availability: 5 in stock

Pages: 203

Year: 2017

Binding: Hardbound

ISBN: 9789326355759

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

प्रयोग चम्पारण

यह किताब वर्षों से चल रही एक उलझन को सुलझाने का प्रयास है। महात्मा गाँधी 15 अप्रैल 1917 को चम्पारण आये थे। सात दिन बाद ही जिले के कलक्टर ने अपने वरिष्ठ जनों को चिट्ठी लिखी उसमें यह उल्लेख सबसे पहले आता है कि आज गाँधी की चर्चा जिले के हर किसी की जुबान पर है। गाँधी ने चम्पारण के एक सक्रिय किसान राजकुमार शुक्ल के अलावा किसी को अपने आने की सूचना नहीं दी थी और निपट अकेले उन्हीं के संग आये थे। वे न चम्पारण को जानते थे न उस नील का पौधा देखा था जिसकी खेती से परेशान किसानों को राहत देने के लिए वे गये थे। पर डेढ़ महीने बाद जब जाँच आयोग बना तो गाँधी किसानों के प्रतिनिधि बनकर न सिर्फ गये बल्कि उन्होंने अपने तर्कों से सबको चित्त कर दिया और वह सबकुछ हासिल कर लिया जो पाना चाहते थे।

चम्पारण की चर्चा वे जब करते हैं बहुत प्रफुल्लित मन से करते हैं। यह जादू हुआ कैसे और तब कैसे हुआ जन जानकारियाँ लेना-देना, सन्देश का आदान-प्रदान, कही आना-जाना बहुत मुश्किल था। कम्युनिकेशन के सारे साधनों के आदिम अवस्था में होने पर भी गाँधी कैसे इतने जबरदस्त कम्युनिकेटर साबित हुए।

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Authors

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Hardbound

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2017

Pulisher

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