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Description
प्रेम से जपा करूँ
कमल, गेंदे, पुष्पा-चमेली, गुलाब से सजी आरती की थालियाँ। चाहे भजनों की बात करें, चाहे दोहे, लोकगीतों और आराधन-गीतों की, ये सभी देश की लोक-श्रवण परंपरा का अटूट हिस्सा हैं। इनमें धर्म और संस्कृति की खुशबू बसी है। ये मधुर संगीतमय अभिव्यक्तियाँ लोकमानस की सनातन श्रद्धा का प्रतीक हैं और विश्वास, आस्था और समर्पण का संगम हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2014 |
Pulisher |
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