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Description
पुनरारम्भ
जीवन न जड़ है, न उसकी गति कभी रुकती है। कठिन से कठिन परिस्थियों में भी, जब मनुष्य अपने जीवन को सर्वथा रुद्ध और निरर्थक मान चुकता है, जिजीविषा की वेगवती धारा अपने लिए नया मार्ग, नवीन केन्द्र अथवा नवीन उद्देश्य खोज लेती है और आगे बढ़ती चली जाती है।
जीवन न जड़ है, न उसकी गति कभी रुकती है। कठिन से कठिन परिस्थियों में भी, जब मनुष्य अपने जीवन को सर्वथा रुद्ध और निरर्थक मान चुकता है, जिजीविषा की वेगवती धारा अपने लिए नया मार्ग, नवीन केन्द्र अथवा नवीन उद्देश्य खोज लेती है और आगे बढ़ती चली जाती है।
नरेन्द्र कोहली का यह उपन्यास एक ऐसी ही प्राणवान स्त्री की संघर्ष-कथा है, जो नितांत प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीवन के प्रति अपनी आस्था बनाये रखती है और भयंकर कठिनाइयों में अपने सर्वथा निराधार जीवन का पुनरारम्भ करने की क्षमता रखती है। लगभग पौन शताब्दी पूर्व के पंजाब के नागरिक जीवन की यह कथा आपको एक ऐसे नवीन लोक में ले जायगी, जो अत्यन्त अद्भुत होते हुए भी, ऐतिहासिक दृष्टि से पूर्णतः यथार्थ है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2012 |
Pulisher |
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