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Description
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प्यार की बोली बोल
दिल में भड़के आग, या छिड़ जाये राग जागे जब एहसास तब कहता हूँ शे’र यह किताब आसमान से नहीं उतरी; इस किताब में ज़मीन पर रहने वाले एक आदमी ने अपने ग़म, ग़ुस्से, ख़ुशी, इत्मीनान, मजबूरी और हौसले को शाइरी के ज़रिये पेश किया है। शायद पढ़ने वालों को इस किताब में शामिल शाइरी की ज़बान आसान, अन्दाज़ क्लासिकी, ख़यालात ताज़ा और लहजा मुतरन्निम (rhythmical) मालूम हो।
इस किताब का एक अनोखापन ये है कि इसमें नये शौक़ीनों के लिए उर्दू शाइरी के बुनियादी उसूल भी समझाये गये हैं और मुख़तलिफ़ Genres की कुछ तकनीकी जानकारी भी दी गयी है। उम्मीद है कि इस किताब को जब माहिरान-ए-फ़न (experts) पढ़ेंगे तो शाइरी से लुत्फ़अन्दोज़ होंगे और जब नौवारिदान-ए-फ़न (new comers) पढ़ेंगे तो उनके हौसले बढ़ेंगे और उनके ज़ौक़ और शौक़ में इज़ाफ़ा होगा।
Additional information
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
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