Raat Mein Harmonium

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Raat Mein Harmonium

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395.00 295.00

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395.00 295.00

Author: Uday Prakash

Availability: 5 in stock

Pages: 144

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170556251

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

रात में हारमोनियम

‘रात में हारमोनियम उदय प्रकाश का तीसरा काव्य-संग्रह है, जो एक लम्बे अन्तराल के बाद प्रकाशित हो रहा है। यह देखकर सुखद आश्चर्य होता है कि पिछले कुछ वर्षों में एक कथाकार के रूप में अपनी अद्वितीय पहचान बनानेवाला यह रचनाकार अपनी कथाकृतियों के समानांतर कविता की अपनी ज़मीन पर, एक नयी ऊर्जा के साथ निरंतर सक्रिय रहा है। ‘रात में हारमोनियम’ की कविताएँ उसी सक्रियता से उपजी एक जीवन्त रागमाला की तरह हैं-अपने आरोह-अवरोह की सारी गमक और स्वरों के बीच की गहरी खामोशियों के साथ। मुझे हमेशा लगता रहा है कि उदय प्रकाश की कहानियों के जादुई संसार में प्रवेश करने की सबसे विश्वसनीय कुंजी उनकी कविताओं के पास है। इस संग्रह की अधिकांश कविताएँ, मेरी इस धारणा को न सिर्फ़ नयी खुराक़ देती हैं, बल्कि किसी गहरे धरातल पर उसे और अधिक पुष्ट भी करती हैं। उदय प्रकाश के भीतर का कवि हर बार कविता को वहाँ से पकड़ने की कोशिश करता है, जहाँ उसका मूल उत्स है। इसलिए वह अपने अनुभव-लोक में हमेशा इस तरह प्रवेश करता है-“विकसित सभ्यताएँ जिस तरह लौट जाती हैं धरती के गर्भ में” या “इतिहास जिस तरह विलीन हो जाता है समूह की मिथकगाथा में”, हमारी चेतना पर निरन्तर जमती जाती समय की धूल को हटाकर उसके अन्दर झाँकने का यह उनका अपना ढंग है, जहाँ यथार्थ और स्वप्न के बीच के सारे कामचलाऊ विभाजन व्यर्थ हो जाते हैं। यह कवि उदय प्रकाश की एक ऐसी काव्य युक्ति है, जिसे उन्होंने अपने लम्बे आत्मसंघर्ष के भीतर से अर्जित किया है। ‘मैं लौट जाऊँगा’, ‘ढेला’, ‘चन्द्रमा’ या ‘बचाओ’ जैसी कविताओं में उनके इस काव्यकौशल के उत्कृष्ट उदाहरण देखे जा सकते हैं।

– केदारनाथ सिंह

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2020

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