Ramayan : Manavta Ka Mahakavya

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Ramayan : Manavta Ka Mahakavya

Ramayan : Manavta Ka Mahakavya

1,499.00 1,199.00

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1,499.00 1,199.00

Author: Gunvant Shah

Availability: 5 in stock

Pages: 656

Year: 2022

Binding: Hardbound

ISBN: 9789355185471

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

रामायण : मानवता का महाकाव्य

गुजराती के यशस्वी लेखक गुणवन्त शाह की सशक्त साहित्यिक कृति ‘रामायण : मानवतानुं महाकाव्य’ का अनुवाद है यह ‘रामायण : मानवता का महाकाव्य’।

रामायण के इस दीर्घ कथाप्रवाह में जो कुछ निर्मित हुआ है, उसका हमारे हाल के जीवन के साथ बड़ा तालमेल है। युग बीत जाते हैं, विवरण व सन्दर्भ बदल जाते हैं, परन्तु मनुष्य के मूलभूत विचारों में कोई बदलाव नहीं आता। रामायण की पुरातनता में सनातनता का यही रहस्य है।

रामायण के राम संस्कृति-पुरुष हैं, पुराण-पुरुष हैं। वे सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धर्मयुक्त मर्यादाओं का पालन करनेवाले नरश्रेष्ठ हैं। और इसीलिए रामकथा वस्तुतः मानवजाति की कथा है, और रामायण मानवता का महाकाव्य। आज भी महाबलवान रावण के सामने एक ऐसी जटायुता जूझ रही है जो उसकी तुलना में भले ही कम बलवान क्यों न हो, अधिक प्राणवान और आत्मवान है।

गुणवन्त शाह ने प्रस्तुत ग्रन्थ में रामायण की कथात्मकता को बाधित किये बिना गहरे अनुशीलन से काम किया है। कथारस और शोध का ऐसा सामंजस्य प्रायः कम ही देखने को मिलता है। साथ ही, रामायण की विषयवस्तु के विश्लेषण में उन्होंने आधारग्रन्थ के रूप में वाल्मीकि रामायण को तो लिया ही है, वेदव्यास की अध्यात्मरामायण, बांग्ला में प्रचलित कृत्तिवास रामायण, कम्बरामायण, जयदेव के प्रसन्नराघव, कालिदास के रघुवंश, भवभूति के उत्तररामचरित, उड़ीसा-गुजरात व दक्षिण भारत में प्रचलित रामायण के विविध प्रारूपों तथा राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के ‘साकेत’ आदि अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों का भी भरपूर उपयोग किया है।

सन्देह नहीं कि भारतीय ज्ञानपीठ का यह गौरवग्रन्थ भारतीय संस्कृति की सुगन्ध को आज की नयी पीढ़ी तक पहुँचाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

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Authors

Binding

Hardbound

Language

Hindi

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Publishing Year

2022

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