Rang Manthan

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215.00 195.00

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Author: Pratap Sehgal

Availability: 5 in stock

Pages: 154

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789354919732

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

रंग मंथन

रंगमंच और नाट्य परंपरा का दीर्घ इतिहास रहा है। कहते हैं, भरत मुनि ने भारतवर्ष में नाट्य परंपरा की नींव रखी थी। तबसे लेकर आज तक, प्रायः दो हजार वर्षों का एक लंबा अंतराल व्यतीत हो चुका है। ऐसे समृद्ध अतीत वाले नाट्य परंपरा के देश में यदि नाट्य की परंपरा रंगमंच से लेकर नुक्कड़ों तक में व्याप्त हो गई तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं। परंपरागत नाट्य को वर्तमान वैज्ञानिक एवं तकनीकी के समय में तकनीक का भी सहारा मिल गया है, जिससे नाट्य-वैविध्य के आयाम अतिशय विस्तृत हो गए हैं। सुपरिचित कवि, नाटककार, कथाकार, उपन्यासकार और आलोचक प्रताप सहगल की डायरी लेखन, यात्रा-वृत्तांत तथा आलोचना आदि विधाओं पर भी समान पकड़ रही है; अनुवाद और संपादन कर्म से भी जुड़े रहे हैं। सन् ’70 के दशक से 2010 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में प्रोफेसर रहे सहगल साहब ने बाल साहित्य लेखन में भी प्रभूत और उल्लेखनीय योगदान दिया है। लेखक की 50 से अधिक प्रकाशित कृतियों में से तीन मूल तथा एक अनूदित कृति न्यास से प्रकाशित हैं।

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Hindi

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Publishing Year

2023

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