Revolution : France Mein Badalaav Ke Liye Sangarsh
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Description
रेवोल्यूशन : फ्रांस में बदलाव के लिए संघर्ष
‘रेवोल्यूशन’ फ्रांस की समकालीन राजनीति के साथ उसके विगत के बारे में विचार करती है। यह राजनीति और जनता के बीच दरकते संबंधों का भी ब्यौरा पेश करती है। लेकिन यह किताब निराशा की ओर नहीं, आशा की ओर ले जानेवाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि, आलोचनाओं के बावजूद माक्रों इसमें राष्ट्र के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ ‘सहभागिता’ का वह मॉडल पेश करते हैं, जो ज़िम्मेदारियों से भरा है।
दक्षिणपंथी राजनीति और विचारधारा से दूरी के तर्क को समझाते हुए वे शांति के लिए शांति की पैरवी करते हैं। साथ ही अशांति से निपटने के लिए वे कठोर कार्यवाही से इतर उन बदलावों को भी चिह्नित करते हैं, जिनसे असंतुष्टों के बीच विश्वास और रोज़गार का माहौल बन सके।
उदारवादी, प्रगतिवादी दल के नेता के रूप में उन्होंने अपने भाषणों में लोकतांत्रिक बदलाव और क्रांति के माध्यम से परिवर्तन की जो गुहार लगाई है, उसका अक्स इस राजनीतिक आत्मकथा का केंद्रीय भाग है।
बराक ओबामा जैसे राजनीतिज्ञ और द ऑब्जर्वर, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे समाचार पत्रों द्वारा अनुमोदित यह किताब हर उस व्यक्ति को पढ़नी चाहिए, जिसकी रुचि फ्रांस के विगत के साथ समकालीन राजनीति से जुड़े वैश्विक मुद्दों में हो।
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जो भी अच्छा है, ज़रूरी नहीं कि वह गणतांत्रिक हो। और जो कुछ भी गणतांत्रिक है, ज़रूरी नहीं कि वह अच्छा ही हो। अगर ऐसा ही होता तो फिर गणतांत्रिक न्यायालयों की सराहना करना लाज़िमी होता, जिन्होंने कैप्टन द्रेफ़्यूस को मुजरिम ठहराया, जब तक कि देरी से चले उनके मुक़दमे की सुनवाई में उन्हें दोषमुक्त क़रार नहीं दे दिया गया। हमें दंडित उपनिवेश-कालोनियों में क़ैदियों से जबरन काम कराने और महिलाओं के वोट देने के अधिकारों के निषेध को बरक़रार रखना पड़ता, जिसे गणतंत्र के पहरुओं ने दशकों से जारी रखा, जब तक कि जनरल द गॉल ने उन्हें समाप्त नहीं कर दिया। या हम औरत के गर्भपात कराने के अधिकार के निषेध को प्रोत्साहित करते रहते, जब तक कि उनके दर्द को समझते हुए वालेरी जिसकार देस्तैं ने इसे ख़त्म नहीं करा दिया। या मृत्युदंड को जारी रखते, जिसे फ़ौंस्वा मित्तेरौं ने समाप्त कर दिया। तो आख़िरकार हम किस बिंदु के बारे में बात कर रहे हैं ?
हम जिस गणतंत्र से प्यार करते हैं और जिसकी हमें सेवा करनी चाहिए, वह हमारी सामूहिक मुक्ति का पर्याय है। और मुक्ति अंधविश्वास, धार्मिक या राजनीतिक, सामाजिक पूर्वाग्रहों के साथ ही उन सभी ताक़तों से होनी चाहिए जिनकी हमें हमेशा जानकारी नहीं होती और जो गुलाम बनाने के लिए संयुक्त रूप से हम पर क़ाबिज हो जाती हैं। गणतंत्र हमारे लिए एक ऐसा ध्येय और प्रयास है जो कभी पूरा नहीं हुआ। इसे अभी पूरा किया जाना बाक़ी है।
– एमानुएल माक्रों
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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