RSS Aur Hindutva Ki Rajneeti

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RSS Aur Hindutva Ki Rajneeti

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Author: Ram Puniyani

Availability: 5 in stock

Pages: 280

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789362017352

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

आरएसएस और हिन्दुत्व की राजनीति

आरएसएस जितना साम्प्रदायिक है, उससे भी ज्यादा वर्ण और जातिवादी है। आरएसएस का हिन्दुत्व दरअसल नया ब्राह्मणवाद है। गोलवलकर ने एक तरफ मुसलमानों और ईसाइयों को भारत से बाहर निकालने की बात की तो दूसरी तरफ वर्ण व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए इसे कठोरता से लागू करने का सन्देश दिया। संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर (2 जनवरी 1961) के अनुसार गोलवलकर ने अपने एक सम्बोधन में कहा था कि, ‘आज हम अपनी नासमझी की वजह से वर्ण व्यवस्था को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि यही वह व्यवस्था है जिसकी वजह से अधिकारात्मकता पर नियन्त्रण करने की महान् कोशिश की गयी है… हमारे समाज में कुछ लोग बौद्धिक, कुछ लोग पैदावार में माहिर, कुछ लोग दौलत कमाने में और कुछ मेहनत करने की क्षमता रखते हैं। हमारे पूर्वजों ने मोटे तौर पर ये चार विभाजन किये थे। वर्ण व्यवस्था कुछ और नहीं बल्कि उन चार विभाजनों के बीच सन्तुलन स्थापित करना है, इसके जरिये हर आदमी समाज की सेवा अपनी बेहतरीन क्षमता द्वारा कर सकता है जो उसने वंशानुगत रूप से विकसित की है। अगर यह व्यवस्था जारी रहती है तो हर व्यक्ति के जीवनयापन के लिए उसके जन्म से ही कार्य सुरक्षित रहेगा।’

– भूमिका से

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2024

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