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Description
रुद्री पाठ
शिव जहां ज्ञान के अधिष्ठाता हैं, वहीं साक्षात् काल रूप भी हैं। रुद्र रूप शंकर ही आद्याशक्ति से संयुक्त होकर सदाशिव का रूप धारण करते हैं। शिव की आराधना-उपासना करने वाले साधक को बिना किसी विशेष प्रयास के सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं। ‘यजुर्वेद’ में कहा गया है कि जो व्यक्ति शिव को प्रसन्न करने वाले लय॒बद्ध ‘रुद्री’ के विशिष्ट मंत्रों द्वारा नर्मदेश्वर या पारद शिवलिंग का अभिषेक करता है, उसके जन्म-जन्मान्तरों के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा सर्वकामनाओं की पूर्ति होती है।
इस ग्रंथ में शिवभक्तों के लिए शिवोपासना से संबंधित अन्य विशिष्ट जानकारियों के साथ ही साथ नमक चमक द्वारा रुद्राभिषिक करने हेतु रुद्री पाठ को अत्यंत सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा उपासना के मूल तत्वों की सरल विवेचना करते हुए शिव उपासना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों-विशेषकर पारद शिवलिंग निर्माण पर भी प्रकाश डाला गया है। प्रस्तुत कृति शिवोपासकों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसा विश्वास है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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