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Description
सात पागल
1929 में लिखा गया उपन्यास सात पागल विनाश के कगार पर खड़े अर्जेंटीना को प्रतिबिंबित करता है। यह अपने कथानक और कहानी कहने के अंदाज के संदर्भ में श्रेष्ठ आधुनिक उपन्यासों में गिना जा सकता है। सपने देखने वालों, क्रांतिकारियों, षड्यंत्र करने में मशगूल सेना के जनरलों से भरी ये दुनिया दरअसल रोबेर्तो आर्ल्ट की अपने देश की बीसवीं सदी के गहन पीड़ादायक दौर से गुज़रने की भविष्यवाणी की तरह है। सरल भाषा में लेखक ऐसे किरदार, ऐसा माहौल रचते हैं कि पाठक ना चाहते हुए भी खुद को उस दुनिया का एक हिस्सा महसूस करने लगता है। खास बात ये कि नौ दशक पहले लिखे गए इस उपन्यास में रची गयी दुनिया आज किसी भी देश के सामाजिक, राजनीतिक परिवेश को ही चित्रित करती है, जहाँ धर्मान्धता, स्त्रियों को लेकर दोहरे मापदंड, भ्रष्टाचार चरम पर है और आम आदमी अपनी नैतिकता में फँसा जीवन के अर्थ, इसकी अहमियत ढूँढने की एक अजीब जद्दोजहद में व्यस्त है।
सात पागल एक तरह से सिद्ध करता है कि लेखक देश दुनिया के लिए भविष्यवक्ता होता है।
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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