- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
सबसे सस्ता गोश्त
सभी तरह की साहित्यिक विधाओं में नाटक को सबसे रमणीय कहा गया है क्योंकि यही एक विधा है जिसमें संगीत, कविता, अभिनय और कथा का रस एक साथ मिलता है। नुक्कड़ नाटक इस से भी और अधिक जनधर्मी रास्ता है जो साहित्य व कला को सीधे जनता तक पहुँचाता है।
असग़र वजाहत ऐसे लेखक हैं जो मानते हैं कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए साहित्य की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके लिए वे कहानी-उपन्यास और निबन्ध ही नहीं लिखते अपितु नाटक भी रचते हैं। गोडसे@गांधी.कॉम और जिस लाहौर नईं वेख्या…उनके प्रसिद्ध पूर्णकालिक नाटक हैं। उन्होंने अनेक नुक्कड़ नाटक भी लिखे हैं जो सभागारों के साथ-साथ गली-चौराहों पर खेले गए और खूब लोकप्रिय हुए।
इस संग्रह में ‘सबसे सस्ता गोश्त’, ‘वोट बटोरे अंधा’ और ‘पूरा प्यार’ जैसे बहुचर्चित-लोकप्रिय नाटक हैं। असग़र वजाहत इस किताब में इन नाटकों के लिखे जाने की कहानी भी बताते हैं। भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता जैसी समस्याएँ आज भी मौजूद हैं, ऐसी समस्याओं से टकरा रहे इन नाटकों का किताब में एक साथ आ जाना रंगमंच और साहित्य की दुनिया में नयी हलचल पैदा करेगा।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.