Sahitya Ka Paristhitik Darshan

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Sahitya Ka Paristhitik Darshan

Sahitya Ka Paristhitik Darshan

495.00 395.00

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495.00 395.00

Author: K.Vanja

Availability: 5 in stock

Pages: 152

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350008621

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

साहित्य का पारिस्थितिक दर्शन

पिछले कुछ दशकों में दक्षिणात्य हिन्दी विद्वानों ने हिन्दी लोकवृत में एक नया स्पन्दन पैदा किया है। राग-द्वेष के गणित से दूर, सिर्फ पुस्तकों के आधार पर समकालीन हिन्दी रचनाकारों का मूल्यांकन वस्तुनिष्ठता का मानक है। डॉ. के. वनजा की यह पुस्तक उससे आगे की कड़ी है। अपने समय के एक प्रश्न (पर्यावरण-संकट) के आलोक में हिन्दी और मलयालम के कुछ प्रमुख लेखकों की कृतियों का प्रकृति-पक्ष रेखांकित करती हुई यह पारिस्थितिक दर्शन के चारों आयामों की सजग समीक्षा करती है। पूरी पुस्तक हरे प्रकाश से नहायी हुई है। पारिस्थितिक शास्त्र पर एक प्रामाणिक पुस्तक लिखकर वनजा ने वनदेवियों वाला तेज दिखाया है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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